Tuesday, December 25, 2012

21st December 2012.........पीले कनेर .My yellow oliender vase

Well we survived through another end of the world prediction. Why on earth do these people frighten so many people with their predictions? Even when I was a little girl at school in 1965, someone would come up with these stupid dates! For the past fortnight, I have spent a lot of time in hospital with my mother. My mother was discharged from hospital although more tests and outpatient visits are due in future weeks. Life is beautiful...let us just enjoy it. If anything, 21st December 2012 should have made us realize that we should appreciate what we have and take more care of our planet. It was a very stressful time for me I must admit, these past few weeks, and I hope that I can slow down now and go back to my beloved craft work.

हमारे पार्क के कोने में पीले कनेर के फूल का पेड़ है यह पार्क हमारे घर के ठीक सामने है और पार्क का कोना हमारे घर के दरवाजे के दाईं और है ।भगवान शिव के श्रृंगार का सबसे प्यारा फूल है पीला कनेर ।आज कल इन फूलों की बहार आयी हुई है।कनेर का फूल बहुत ही मशहूर है। 


 दीवार के पार कनेर के  पेड़ का ऊपरी हिस्सा दिखाई दे रहा है 
 मेरे सामनेके आँगन का कोना कनेर के साथ जट्रोफा के फूल डालेहैं जो खुबडुरत नजारा उत्पन्न कर रहे हैं

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 कनेर के पेड़ की ऊंचाई लगभग 10 से 11 हाथ से ज्यादा बड़े नहीं होते हैं। पत्ते लम्बाई में 4 से 6 इंच और चौडाई में 1 इंच, सिरे से नोकदार, नीचे से खुरदरे, सफेद घाटीदार और ऊपर से चिकने होते है। कनेर के पेड़ वन और उपवन में आसानी से मिल जाते है। फूल खासकर गर्मियों के मौसम में ही खिलते हैं फलियां चपटी, गोलाकार 5 से 6 इंच लंबी होती है जो बहुत ही जहरीली होती हैं। फूलों और जड़ों में भी जहर होता है। कनेर की चार जातियां होती हैं। सफेद, लाल व गुलाबी और पीला। सफेद कनेर औषधि के उपयोग में बहुत आता है। कनेर के पेड़ को कुरेदने या तोड़ने से दूध निकलता है।
फ्लोटिंग वेज़ के अलावा सभी गमले रिसाइकल्ड हैं बीच  वाला बड़ा ट ब है 


 कनेर या ओलियंडर का फूल चिकना, सदाबहार, दूधिया रस के साथ लकड़ी की झाड़ी वाला ऊपरी गंगा के मैदानी इलाकों पाया जाने वाला फूल है. ये भारत में कश्मीर से नेपाल 2000 मीटर तक मध्य और दक्षिण हिमालय में मंदिरों और बगीचों के पास पाया जाता है।

23/9/2012को दोपहर एक बजे मैंने ये तस्वीरें ली थी जब कुछ चीजें मन को भा जाती हैं तो फिर तस्वीरों पर तस्वीरें खींचने  को मन करता है और फिर एक भी तस्वीर को डी लिट् करने का जी नहीं चाहता यही वजह है कि  इन सब को यहां पोस्ट कर रही हूँ 




कनेर का फूल पूरे भारत में पाया जाता है. यह सजावट के लिए उपयोग किया जाने वाला पौधा है और आमतौर पर उद्यान में और सड़कों के किनारे पर देखा जा सकता है।


कनेर का फूल तीन आम किस्मों (सफेद, पीले, लाल) में पाया जाता हैं. इसकी सभी किस्में जहरीले किस्म की होती हैं। इस किस्म की ताजा पत्तियों का केवल पन्द्रह ग्राम का सेवन एक घोड़े को मार सकता है।

Saturday, December 22, 2012

Making the world a more beautiful place..

I am a person with busy hands I usually crochet laces on my tour time for our research purposes when I am not on any project then I usually crochet lace on the way in our jeep or van. I have several rolls of lace in my basket. I want to use them up!


I love lace edgings on my pillow cases bed covers and even for the white sheets i lay upon while in bed.

I sewed it on blue Gingham Fabric which was lying in my stash. Last time when my daughter came she cut down two square Gingham pieces one each for computer and TV and see asked me to crochet edgings around them...and i didn’t have any time to do so till now...and see will come home for New year!...............then......yesterday i stumbled on the basket where i stacked all the laces i immediately drag it out and machine attach on one piece...the other one is still waiting!

It’s here covered on the small stool ...my niece laid it on...and placed a vase of dry twigs and flowers on it....

XOXO